सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा।माचागोरा बांध से डूब प्रभावित किसानों की महापंचायत 22 सितम्बर 2024, दिन रविवार। समय दोप. 12 बजे से स्थान – ग्राम पंचायत धनौरा (बारह बरयारी), जनपद पंचायत चौरई, जिला-छिन्दवाड़ामें आयोजित की गई है किसान साथियों ने पत्रकार वार्ता में बताया कि विगत् कई वर्षों से समय-समय पर आपके द्वारा माचागोरा बांध से प्रभावित किसानों के साथ हुए घोर अन्याय को आपने धरना आंदोलन, ज्ञापन के माध्यम से उठाते आए है। इसी कड़ी में दिनांक 22/09/2024 दिन रविवार को सांसद बंटी (विवेक) साहू की उपस्थिति में ग्राम पंचायत धनौरा में समस्त डूब क्षेत्र की महापंचायत सम्पन्न होगी।
जिसमें निम्न बिन्दू में चर्चा होगी, प्रत्येक ग्राम के प्रस्ताव एवं झापन बनाकर साथ में लायें।- निम्न विन्दु इस प्रकार है
1) भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के अनुसार केन्द्र सरकार ने धार कुना काननू पास की थी, जिसमें दो गुना मुआवजा ही मिला है, शेष दोगुना मुआवजा बाकी है।
2) सरदार सरोवर बांध की तर्ज पर माचागोरा बाँध के प्रभावित किसानों को भी 900 करोड़ रु. का विशेष पैकेज दिया जावे।
3) किसानों की शेष बधी जमीन एवं किसानों द्वारा बनायें गये पुनर्वास में मकानों को पुनः अर्जन कर आज के क्रय-विक्रय रेट (4 गुना) से मुआवजा दिया जाये एवं शासन द्वारा बसाये गये पुनर्वास को शहर के किनारे विस्थापित किया जाये।
4) प्रभावित परिवारों के युवाओं को स्थानी रोजगार (सरकारी नौकरी) उपलब्ध कनायी जाए। अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की उच्च शिक्षा एवं समस्त प्रकार की फीस माफ करायी जावे।
5) जिन किसानों के खत्तरे अधिग्रहण से छूट गये हो, मकान छूट गये हो, केवलारी बस्ती, टापू में तबदील हो गयी है। बधी जमीन टापू में तबदील हो गयी है। जमीन हुब में चली गयी है, मकान बचा है पुनः जाँच करा कर उसका भी मुआवजा दिलाया जाये। 6) प्रभावित किसानों के परिवार की समग्र आई. डी. के आधार पर जिन किसानों को भू-खण्ड नहीं दिया गया है। भू-खण्ड दिलाया जावेएवं मकान बनानें के लिये 5 लाख 80 हजार की राशि दिलाई जावे, जो आज तक नहीं दी गई है।
7) प्रभावित किसानों को दिये गये भू-खण्ड को पट्टा न देकर भूमि स्वामी बनाया जाए। जिससे किसान एक-दूसरे को क्रय-विक्रय कर राके।
8) जिन किसानों के विरुद्ध म.प्र. शासन भू-अर्जन प्रकरण लंबित है। उन सभी प्रकरणों को वापस लेकर उनका मुआवजा दिया जायें।
9) जिला स्तर की समस्याओं का निराकरण कलेक्टर महोदय द्वारा प्रभावित किसानों को एवं उनके जन प्रतिनिधियों को बुलाकर या बैठक लेकर तत्काल निराकरण किया जावे।
10) प्रभावित किसानों को तात्कालिक सुविधा उपलब्ध कराई जाने हेतु प्रत्येक ग्राम में पृथक-पृथक कैम्प लगाया जावे।
11) मुआवजा में हुई भिन्नता को दूर करते हुये प्रत्येक ग्राम के मुआवजा को ग्राम नेर जैसा कमांड एरिया मानकरके मुआवजा को बराबर करते हुये एक जलाशय एक मुआवजा दिया जावे। नहर प्रभावित किसानों को भी उसका फायदा दिया जावे।अन्य बिन्दुओं पर चर्चा की जावेगी अतः आप सभी डूब प्रभावित किसानों से निवेदन है कि माताओं-बहनों, बाल-बच्चों सहित अधिक-से-अधिक संख्या में दिनांक 22 सितम्बर 2024, रविवार समय दोप. 12 बजे से उक्त कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति देवें ।