विद्युतकर्मियों के हित में सकारात्मक निर्णय लेने का किया आग्रह
सतपुड़ा एक्सप्रेस छिन्दवाड़ा:- प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने प्रदेश की समस्त विद्युत कम्पनियों में कार्यरत कर्मचारियों की मांगों को जायज ठहराते हुये उनकी मांगों और उनके हितों को ध्यान में रखते हुये अतिशीघ्र विद्युतकर्मियों की समस्याओं के निराकरण हेतु प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। साथ ही कर्मचारियों की वेतन वृद्धि से जुड़ी व अन्य मांगों पर विचार करने का आग्रह पत्र के माध्यम से किया है पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने अपने अद्र्ध शासकीय पत्र क्रमांक 73 के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अवगत कराया कि प्रदेश व जिले की समस्त विद्युत वितरण कंपनियों में सभी श्रेणी में कार्यरत विद्युतकर्मी अपनी समस्याओं और मांगों को लेकर निरंतर हड़ताल पर है। विद्युत कर्मचारी संगठनों द्वारा आउटसोर्स कर्मियों के संविलियन, वेतन वृद्धि, 20 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कराये जाने, संविदा कर्मियों के नियमितीकरण, कार्यरत कर्मियों के लंबित हितलाभों के भुगतान, कार्यरत कर्मचारियोंएवं पेशन्र्स के लिये केशलेस मेडिक्लेम पॉलिसी, महंगाई भत्ता सहित अन्य मांगों का उल्लेख उनके द्वारा ज्ञापन पत्र में किया गया है। कर्मचारियों के प्रतिनिधि मण्डल के द्वारा अपनी जायज मांगों को लेकर पूर्व में भी हड़ताल की गई थी, किन्तु सरकार से प्राप्त आश्वासन के उपरांत हड़ताल को स्थगित किया गया था। परन्तु समय रहते सरकार की ओर से विद्युत कर्मचारियों की मांगों को पूरा नहीं किया। सरकार के द्वारा कोई समाधानकारक निर्णय नहीं लिये जाने पर कर्मचारी पुन: 21 जनवरी से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार कर हड़ताल पर है। पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने अपने पत्र में आगे उल्लेख किया कि बिजली कम्पनी में कार्यरत सभी कर्मचारी की सेवायें अति आवश्यक सेवाओं के अंतर्गत आती है। प्रदेश व जिले में बिजली सेवाओं को अबाध्य रूप से जारी रखने में सभी कर्मचारियों की महती भूमिका होती है। सभी कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से जहां एक ओर बिजली की आपूर्ति में बाधायें उत्पन्न होगी तो वहीं दूरी ओर इमरजेंसी सेवाओं के समय भी आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ेगापूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने अपने अद्र्ध शासकीय पत्र में उल्लेख किया कि विद्युतकर्मियों द्वारा सेवा शर्तों एवं लाभों के संबंध में मांगें की जा रही है जिन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुये निर्णय लिया जाना चाहिये। यह भी उल्लेखनीय है कि विद्युतकर्मियों के कार्य बहिष्कार एवं आंदोलन करने से प्रदेश की जनता को सुचारू विद्युत व्यवस्था में कठिनाई उत्पन्न होने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। इन परिस्थितियों पर समग्रतापूर्वक विचार करते हुये विद्युतकर्मियों के विभिन्न संगठनों के संयुक्त मोर्चे की मांगों के संबंध में शीघ्र निर्णय लिया जाना आवश्यक है।पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने अपने पत्र के अंत में अनुरोध पूर्वक लिखा कि विद्युत कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चे की मांगों पर सहानुभुतिपूर्वक विचार करने एवं सकारात्मक निर्णय लिया जावें ताकि विद्युत कर्मियों की समस्याओं का निराकरण हो सके और प्रदेश के जनमानस को किसी भी प्रकार की असुविधा से बचाया जा सके।