Home DHARMA श्री अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से

श्री अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से

अमरनाथ यात्रा का पहला मार्ग पहलगाम से 48 किलोमीटर दूसरा बालटाल से 16 किलोमीटर है

यात्रियों में उत्साह बरकरार

सतपुड़ा एक्सप्रेस छिन्दवाड़ा- श्री अमरनाथ हिंदुओं के प्रमुख तीर्थों में से एक है इसमें बर्फ का शिवलिंग, माँ पार्वती ,श्री गणेश जी की प्राकृतिक रूप से निर्मित होते हैं गुफा में एक ओर निकलती सफेद भस्म और अमरकुंड का जल प्रसाद रुप मे माना जाता है दर्शनार्थियों पर टपकता बूंद बूंद जल और कबूतर का जोड़ा यात्रियों को अलौकिक आनंद,असीम शांति अथाह खुशी प्रदान करता है अमरनाथ यात्रा में भक्तों को कड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है रास्ता उबड़ खाबड़ है एक तरफ ऊंची चोटियां दूसरी तरफ गहरी खाईयां कभी बर्फ गिरने लग जाती है कभी पानी बरसने लगता है कभी बर्फीली हवाएं चलने लगती है 14500 फिट की ऊंचाई पर स्थित है भोले बाबा की गुफा जैसे जैसे पहाड़ियों पर चढ़ते हैं आक्सीजन कम होती जाती है मगर कष्टों का पता ही नही चलता भोले बाबा के लिये भक्त अदृश्य शक्ति से खिंचे चले जाते हैं इस वर्ष अमरनाथ यात्रियों में उत्साह बरकरार है शिव शक्ति सेवा मंडल सेवादार कृष्णा सेठिया ,राकेश साहू ने जानकारी देते हुए बताया कि 01 जुलाई से श्री अमरनाथ यात्रा प्रारंभ हो रही है यात्रा 2 मार्गो से पहलगाम,बालटाल से होगी जिले में यात्रियों का मेडिकल चेकअप जिला चिकित्सालय में डॉ मनीष गठोरिया,डॉ बसंत शर्मा,डॉ विनीत श्रीवास्तव के द्वारा मंडल के माध्यम से निःशुल्क कराया गया पंजाब नेशनल बैंक के मैनेजर नितिन सोनी ने बताया कि इस वर्ष बालटाल से 53 एवं पहलगाम मार्ग से 133 यात्रियों ने कुल 196 यात्रियों ने यात्रा पंजीयन कराया साथ ही अन्य यात्रियों ने ऑनलाइन पंजीयन कराया है जिले से लगभग 300 यात्री अमरनाथ यात्रा में दर्शन के लिए जाएंगे मंडल 22 वर्षों से यात्रा संबंधी कार्य कर रहा है जिसमें यात्रा की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराना निशुल्क मेडिकल कराना सम्मलित है अमरनाथ यात्रा का पहला मार्ग पहलगाम से 48 किलोमीटर दूसरा बालटाल से 16 किलोमीटर है
यात्रा में साथ रखने वाले जरूरी सामान सेवादार कृष्णा सेठिया ने बताया कि पीठ में लटकाने के योग्य बैग, बडी पन्नी जिसमे कपड़े सुरक्षित रहे,टार्च, बरसाती, कोल्ड क्रीम,गर्म कपड़े,दस्ताने,वाटर प्रूफ जूते, पानी बोतल,नुकीली छड़ी, मावे ,सुई धागा,जरूरी दवायें, मंकी टोप, मोमबत्ती,देशी कपूर सहित अन्य सामान जरूरी रखें।
शिव ने सुनाई थी पार्वती को कथा मंडल सेवादार कृष्णा सेठिया ने प्राचीन कथा के विषय मे बताया कि भगवान शिव के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक अमरनाथ को तीर्थो का तीर्थ कहा जाता है मान्यता है कि गुफा में शंकर जी ने पार्वती को अमरकथा सुनाई थी जिसे सुन सघोजात शुक शिशु शुकदेव ऋषि के रूप में अमर हो गए गुफा में आज भी कबूतरों का एक जोड़ा दिखाई देता है जिन्हें अमर पक्षी माना गया ऐसी मान्यता है कि जिन श्रद्धालुओं को कबूतरों जोड़ा दिखाई देता है उन्हें शिव पार्वती दर्शन देते हैं और मोक्ष प्रदान करते हैं यह भी माना जाता है कि भगवान शिव ने अनीश्वर कथा पार्वती को गुफा में सुनाई थी इसलिए ये बहुत पवित्र मानी जाती है शिव ने ऐसी कथा पार्वती को सुनाई जिसमें यात्रा मार्ग में पड़ने वाले स्थलों का वर्णन अमरकथा नाम से विख्यात हुई अमरनाथ गुफा की खोज सबसे पहले पता सोलहवीं शताब्दी के पूर्वार्ध में मुसलमान गड़रिये बूटा मलिक भेड़ों को चराते चराते उस स्थान पर पहुँचा बहुत सी किवदंती एवं कहानी अमरनाथ गुफा की है आज भी चढ़ावे का एक हिस्सा उसके परिवार को जाता है अमरनाथ श्राइन बोर्ड ,भारतीय सेना के सहयोग यात्रा सम्पन्न कराता है इस वर्ष 2 माह की यात्रा है