Home AGRICULTURE मुर्गीपालन एवं डेयरी क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनायें

मुर्गीपालन एवं डेयरी क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनायें

नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय बोर्ड के सदस्य एवंसेवानिवृत्त संयुक्त संचालक ने छिन्दवाड़ा में तलाशी नवाचार की संभावनाएं

सतपुड़ा एक्सप्रेस छिन्दवाड़ा/ / नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा एवं पशुपालन विश्वविद्यालय के बोर्ड मेंबर व पोल्ट्री इंडस्ट्रीज के विशेषज्ञ डॉ.महेन्द्र सिंह व सेवानिवृत्त सयुंक्त संचालक डॉ.जितेन्द्र कुल्हारे अल्प प्रवास पर गत दिवस छिन्दवाड़ा जिले के भ्रमण पर पंहुचे। जिले के पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उप संचालक डॉ.एच.जी.एस.पक्षवार व सहायक संचालक डॉ.महेन्द्र मोर्य द्वारा उनका आत्मीय अभिनंदन किया गया और जिले में किये जा रहे नवाचारों की जानकारी दी गई ।

पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उप संचालक डॉ.पक्षवार ने बताया कि बोर्ड मेंबर व पोल्ट्री इंडस्ट्रीज के विशेषज्ञ डॉ.सिंह व सेवानिवृत्त सयुंक्त संचालक डॉ.कुल्हारे ने स्थानीय निजी सभागार में जिले के सभी पशु चिकित्सकों की बैठक ली, जिसमें जिले में किये जा रहे पशुपालन के क्षेत्र में नवाचार पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया। डॉ.राजेश चेडगे द्वारा एनडीडीबी द्वारा संचालित आईवीएफ तकनीक के बारे बताया गया, जिसमें जिले में 7 वत्सों का जन्म होकर 50 प्रतिशत की उपलब्धता प्राप्त की गई। इसी प्रकार डॉ.छत्रपाल टाण्डेकर ने राष्ट्रीय पशुधन मिशन के अंतर्गत किये जा रहे बकरीपालन, मुर्गीपालन एवं चारा विकास कार्यक्रम के बारे में बताया। मुर्गीपालन प्रक्षेत्र के प्रबंधक डॉ.सोनू कदम ने प्रक्षेत्र द्वारा किये जा रहे नवाचार व लक्ष्यों की पूर्ति के बारे मे जानकारी दी ।

नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा एवं पशुपालन विश्वविद्यालय के बोर्ड मेंबर व पोल्ट्री इंडस्ट्रीज के विशेषज्ञ डॉ.सिंह ने पशुपालन एवं मुर्गीपालन में युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने की बात कही। उन्होंने बताया कि किस प्रकार से वर्तमान में पोल्ट्री इंडस्ट्रीज में विकासशील परिवर्तन आया है। हर चरण में युवा आगे आकर इसमें रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। युवाओं को प्रोत्साहित किया जाना चाहिये। पोल्ट्री इंडस्ट्रीज से जुड़ कर विभिन्न उत्पादों पर काम करने की अपार संभावना जिले में है। बोर्ड मेंबर डॉ.सिंह ने डेयरी में पशुओं के रखरखाव व स्वच्छ जल एवं आवास को प्रोत्साहित किये जाने पर जोर दिया जिससे दुधारु पशु स्ट्रेस में न आये और अधिक से अधिक दुग्ध का उत्पादन प्राप्त किया जा सके ।

सेवानिवृत्त संयुक्त संचालक डॉ.कुल्हारे ने अपने अनुभव साझा किये व मुर्गीपालन एवं डेयरी पर नवाचार के बारे में बताया । जिले के उप संचालक डॉ.पक्षवार ने भी जिले में किये जा रहे विभागीय कार्यों की प्रगति से अवगत कराया एवं बोर्ड सदस्य द्वारा सुझाये गये सभी नवाचारों पर कार्य किये जाने के लिये पशुचिकित्सकों को निर्देश दिये। कार्यक्रम का समापन व आभार प्रदर्शन प्रबंधक पशु प्रजनन प्रक्षेत्र डॉ.एस.आर.सूर्यवंशी द्वारा किया गया।

इस दौरान जिले के वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ.उषाा क्षत्रिय, सहायक संचालक डॉ.प्राची चड्डा, वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ.रविन्द्र नागले, वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ.सजंय शर्मा, डॉ.आर.एस.सिंह, डॉ.कृष्णा पेन्द्रे, डॉ.प्रियंका मर्सकोले, डॉ.अंकित मेश्राम, डॉ.नेहा साहू, डॉ.मारिया लाल, डॉ.अरुणा मंडराह, डॉ.शानू टांडेकर, डॉ.सावी ठाकरे, डॉ.अनुज चौधरी सहित मोबाइल यूनिट के पैरावेट श्री कमलेश्वर परतेती व श्री हेमंत रघुवंशी उपस्थित थे।