ग्रामीण बच्चों ने देखा राष्ट्रपति भवन, ताजमहल, आगरा का किला
राज्यस्तरीय नेतृत्व विकास शिविर एवं शैक्षणिक भारत भ्रमण कार्यक्रम 2024-25 के अंतर्गत जिले के होनहार विद्यार्थियों को मिला देश का गौरवशाली इतिहास देखने का मौका
वंदे भारत ट्रेन से सफर का लुत्फ भी उठाया
सतपुड़ा एक्सप्रेस छिन्दवाड़ा/ यह सिर्फ एक यात्रा नहीं थी, बल्कि वह पल था जब सपनों ने हकीकत की ज़मीन छुई, उम्मीदों ने रास्ता पकड़ा और आत्मविश्वास ने ऊँचाई को छूने की हिम्मत दिखाई। मध्यप्रदेश जनजातीय कार्य विभाग द्वारा आयोजित राज्यस्तरीय नेतृत्व विकास शिविर एवं शैक्षणिक भारत भ्रमण कार्यक्रम 2024-25 के अंतर्गत छिंदवाड़ा जिले के चुनिंदा होनहार विद्यार्थियों को दिल्ली और आगरा के ऐतिहासिक स्थलों का अध्ययन करने का सुनहरा अवसर मिला।

यह शैक्षणिक यात्रा 25 फरवरी 2025 को छिंदवाड़ा से शुरू हुई और 3 मार्च 2025 को लौटकर समाप्त हुई। आठ दिन की यह यात्रा इन विद्यार्थियों के लिए सीख, समझ और अनुभवों का खजाना बन गई।

छिंदवाड़ा जिले के 12 एवं पांढुर्णा जिले से 01 चयनित प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं में से अधिकांश आदिवासी समुदाय से हैं, लेकिन सभी का चयन उनकी शैक्षणिक प्रतिभा और नेतृत्व क्षमता के आधार पर हुआ। ये वे छात्र हैं, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी शिक्षा को अपना हथियार बनाया और निरंतर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। किसी का पिता किसान है तो कोई मजदूर की बेटी – लेकिन हर चेहरे पर संघर्ष की चमक और सफलता का आत्मविश्वास था।

इन होनहारों में शामिल हैं – छिन्दवाड़ा जिले के घोड़ावाड़ीखुर्द की श्रध्दा कायदा और मुनमुन कमले, सीएम राइज तामिया के संत कुमार भारती, देलाखारी की मोहनवती भारती और राजमणि उईके, नागरी के चेतन अहके, रामपुर भाटा के मलेश दर्शमा, सिंगारदीप एकलव्य विद्यालय के अंकित उईके, छिंदवाड़ा की वंदना पन्द्रे, हर्रई के रंजीत उईके, सिंगोड़ी नवोदय विद्यालय की अर्चना मर्सकोले और डिसेंट जूनियर कॉलेज नागपुर में अध्यनरत छिन्दवाड़ा के दमुआ से राम वेलवंशी व जुन्नारदेव से वैष्णवी बानकर और ज्ञानोदय विद्यालय भोपाल में अध्यनरत पांढुर्णा जिले के आशीष धुर्वे । ये छात्र पढ़ाई में भी बेहद मेधावी हैं और कई ने अपने स्कूल व ब्लॉक स्तर पर उच्च स्थान प्राप्त किए हैं।
26 फरवरी को भ्रमण की शुरुआत रोट मेवानाल वार मेमोरियल से हुई। 27 फरवरी को राष्ट्रपति भवन म्यूजियम, अमृत उद्यान और नेशनल पुलिस मेमोरियल, 28 फरवरी को नेहरू तारामंडल, राजघाट और दिल्ली मेट्रो की यात्रा कर बच्चों ने आधुनिक भारत की तकनीकी व सांस्कृतिक प्रगति को नजदीक से देखा। 01 मार्च को आगरा के फतेहपुर सीकरी और 2 मार्च को ताजमहल व आगरा किला देखने का अवसर मिला, जिसके बाद वंदे भारत ट्रेन से दिल्ली वापसी हुई। 3 मार्च को यह दल पुनः छिंदवाड़ा लौटा।

वंदना पन्द्रे ने बताया है कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक आदिवासी छात्रा होते हुए राष्ट्रपति भवन और ताजमहल को देख पाऊंगी। यह एक सपने जैसा है। वहीं राजमणि उईके, जिन्होंने 83.2% अंक के साथ विकासखण्ड तामिया में टॉप किया, ने इस यात्रा को जीवन बदलने वाला अनुभव बताया। राम बेलवंशी और उनके साथियों के लिए यह यात्रा सिर्फ एक भ्रमण नहीं थी, बल्कि वह समय था जब उन्होंने किताबों से बाहर की दुनिया को देखा, समझा और उसमें खुद को पाया। छात्रों की आवास, भोजन, परिवहन एवं सुरक्षा की संपूर्ण व्यवस्था जनजातीय कार्य विभाग, भोपाल द्वारा की गई थी। कार्यक्रम की सफलता में सहायक संचालक भोपाल एवं सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग सतेन्द्र सिंह मरकाम का विशेष सहयोग रहा।
विद्यार्थियों ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह, विभागीय अधिकारियों, शिक्षकों एवं वार्डनों के प्रति आभार व्यक्त किया।
यह यात्रा केवल स्थानों की सैर नहीं थी, यह अनुभवों की पाठशाला थी। एक ऐसा अध्याय, जिसने इन बच्चों के जीवन में प्रेरणा, आत्मबल और दिशा का नया सूरज उगाया –
यह भ्रमण नहीं था – यह जीवन का पाठ था।
यह एक ट्रिप नहीं – एक ट्रांसफॉर्मेशन था